बीमारियों की वजह टेटू Bimariyo ki vajah banta Tattoo
बीमारियों की वजह टेटू
- रेणु जैन
टेटू (tattoo) बनवाना फैशन और स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है । जिस रफ्तार से भारत में टेटू बनवाने वाले बढ़ रहे हैं उसी गति से इससे होने वाली समस्याओं के मामले भी बढ़ रहे हैं । युवाओं में इसके क्रेज के चलते टेटू आर्टिस्ट की बाढ़ सी आ गई है, मगर चिंता की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिन्हें इस विधा का तकनीकी ज्ञान नहीं है । इसलिए इसका खामियाजा टेटू के दीवानों को भुगतना पड़ सकता है ।
गौरतलब है कि लंदन (London) की यूरोपियन केमिकल्स एजेंसी (European Chemical Agency) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टेटू बनवाने के लिए जो लाल स्याही इस्तेमाल हो रही है उसमें कई विषैले तत्व होते हैं । इससे कैंसर (cancer) का खतरा भी हो सकता है । इसी तरह इंग्लैंड (England) तथा वेल्स (Wales) के विशेषज्ञों ने भी चैंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं । इनके मुताबिक गैरकानूनी पार्लरों से टेटू गुदवाना मतलब एचआईवी (एड्स) और हेपेटाइसिस-बी को आमंत्रण देने जैसा है । इन विशेषज्ञों का कहना है कि गैरकानूनी पाॅर्लरों में टेटू गोदने के लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल होता है वे स्तरीय नहीं होते हैं और उनकी साफ-सफाई न के बराबर होती है । इतना ही नहीं इन टेटू पाॅर्लरों (tattoo parlour) में टेटू गुदवाने के लिए आए व्यक्तियों की मेडिकल हिस्ट्री पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता तथा ये गैरकानूनी टेटू पाॅर्लर, घर, क्लब, पार्क, पब तथा माॅल में चलाए जाते हैं । इंग्लैंड तथा वेल्स का पुलिस प्रशासन ऐसे पाॅर्लरों पर नकेल कस रहा है । यहाँ पर टेटू के बढ़ते प्रचलन के चलते 1500 टेटू पाॅर्लर लाइसेंस वाले खुल चुके हैं । इंग्लैंड में गैरकानूनी टेटू पाॅर्लर चलाने पर दो साल की सजा का प्रावधान भी है । अब इस कानून को और भी सख्त बनाया जा रहा है ।
टैटू का इतिहास History of Tattoo
भारत में भी स्थायी टेटू (Tattoo) जिन्हें गोदना (indian tattoo) कहा जाता था का इतिहास बहुत पुराना है । फिल्म अभिनेता-अभिनेत्रियों में टेटू बनवाना न सिर्फ इन दिनों बल्कि बहुत पहले से ही फैशन का खास हिस्सा रहा है। हाँ समय-समय पर इसकी वैरायटी में अंतर आ जाता है । इन दिनों फिल्मी हस्तियाँ देवी-देवताओं और पवित्र श्लोकों के चित्र बनवाने लगे हैं । देवनागरी में तथा संस्कृत श्लोकों को शरीर पर गुदवाने का ट्रेंड भी लगातार बढ़ता जा रहा है । इनमें ऊँ तथा गायत्री मंत्र का क्रेज युवाओं के बीच खासा पसंद किया जा रहा है । कुछ विदेशी सेलिब्रिटी जिन्हें हिंदू धर्म के प्रति खासा लगाव है उन्होंने भी अपनी बाँह पर भारतीय दर्शन की पंक्तियाँ गुदवा रखी हैं जिसका अर्थ ‘‘प्रवाह के साथ बहो’’ तथा कुछ ने अपनी पीठ पर बौद्ध श्लोक का टेटू बवनाया है । भारत के ही हरप्रकाश ऋषि Har Prakash Rishi नाम के बुजुर्ग को गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाने का इतना शौक है कि उन्होंने अपने शरीर पर दुनिया के सारे देशों के झंडों के टेटू बनवा रखे हैं । अब इस शख्स का नया शगल यह है कि अब इन्होंने महात्मा गाँधी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ब्रिटेश की महारानी एलिजाबेथ, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित दुनिया भर के नेताओं की तस्वीर अपने शरीर पर अंकित करवा ली है ।
विश्व में टेटू का इतिहास करीब 5000 वर्ष पुराना है । पहले यह प्रथा थी पर अब फैशन है । आज भी टेटू का सर्वाधिक प्रचलन यूरोपियन देशों में है। प्राचीन चीन में टेटू असभ्य जनजाति की निशानी माने जाते थे । चीनी साहित्य में डाकुओं को भी टेटू के मार्क से पहचानते थे । चीन में कैदियों के चेहरे पर उलटा वाय के आकार का निशान बना दिया जाता था जो कि उनके अपराधी होने का प्रमाण था । इसके अलावा जिन देशों में जब दास प्रथा थी तब दासों के मालिक भी अपने-अपने दासों पर एक विशिष्ट निशान गुदवा देते थे । प्राचीन मिस्त्र में टेटू का सम्बन्ध केवल महिलाओं से ही था जो उनकी सामाजिक हैसियत और अवस्था को दर्शाता था । प्राचीन
फिलिपींस में माना जाता था कि टेटू या गोदने के भीतर जादुई शक्तियाँ होती हैं । इसके अलावा फिलिपींस के लोग अपनी सामाजिक हैसियत और ओहदे को दर्शाने के लिए भी विभिन्न टेटू बनवाते थे ।
प्राचीन यूरोप के सबसे प्रचलित और प्रसिद्ध टेटू ओट्जी नाम के आइसमेन के शरीर पर मिले । ओट्जी के शरीर पर 61 टेटू थे जो कार्बन की सहायता से बनाए गए थे जिनमें कुछ हाथोें पर, कुछ कलाई पर, कुछ कुल्हों तथा कुछ एड़ी पर बने थे । खास बात यह है कि विभिन्न सर्वेक्षणों से यह प्रमाणित हुआ कि ये टेटू बीमारियों के उपचार के लिए थे । हाँलाकि यूरोप में ईसाइयत का दौर जब शुरू हुआ तब टेटू बनवाना अवैध घोषित कर दिया गया था । फिलीपिंस, इंडोनेशिया तथा मालगासी के लोगों ने आज भी टेटू प्रथा को जारी रखा है । ताइवान में अत्याल जनजाति के वयस्क लोग अपने चेहरे पर टेटू बनवाते थे जो इस बात का सूचक होता था कि वयस्क व्यक्ति अपने घर और भूमि की रक्षा करने के लिए तैयार है और वयस्क महिलाएँ घर संभालने के लिए खुद को तैयार कर चुकी हैं ।
सन् 1603 से लेकर 1868 तक के प्राचीन जापान में मालवाहक, वेश्याएँ और निम्न दर्जे का काम करने वाले लोग ही टेटू बनवाते थे ताकि उनकी सामाजिक पहचान बनी रहे । सन् 1720 से 1870 तक अपराधियों के चेहरे पर भी टेटू बनाए जाते थे । जब भी अपराधी कोई अपराध करता था तो उसकी कलाई पर एक रिंग बना दी जाती थी ।
अधिकांश देशों में देवी-देवताओं के टेटू बनवाना वर्जित नहीं है बशर्ते वे गलत स्थानों पर न बने हों । कुछ समय पहले म्यांमार में एक स्पेन पर्यटक को इसलिए देश से बाहर कर दिया गया क्योंकि उसने बाएँ पैर पर भगवान बुद्ध का टेटॅ बनवा लिया था । बौद्ध देश में ऐसा करना धर्म के खिलाफ काम माना जाता है । गौरतबल है कि म्यांमार के 95 प्रतिशत नागरिक बौद्ध हैं ।
टेटू बनवाने से पहले पाॅर्लर के बारे में पता करें । लायसेंस वाले पाॅर्लरों में ही टेटू बनवाएँ तथा आर्टिस्ट का रिकाॅर्ड चेक कर लें । नई निडल से ही टेटू बनवाएँ तथा स्याही के बारे में भी पूछताछ कर लें । पाॅर्लर वाले जो भी हिदायत दें उसे पूरे ध्यान से फाॅलो करें ।
टेटू के बारे में एक्सपर्ट्स की राय Experts' comments on Tattoo
हाँलाकि एक्सपर्ट कहते हैं कि नौसिखियों को पता नहीं होता है कि टेटू के लिए निडल स्किन के सेकंड लेयर से नीचे इंजेक्ट नहीं करनी चाहिए । इसके चलते संक्रमण की गुंजाइश सबसे ज्यादा होती है । टेटू की मशीन में लगे संक्रमित खून से त्वचा के रोगों की सौ फीसदी गुंजाइश रहती है । कुछ मामलों में व्यक्ति को टेटू बनवाते ही खुजली की समस्या भी हो जाती है । त्वचा रोग विशेषज्ञों की मानें तो टेटू बनाने वाले नीले रंग की स्याही में कोबाल्ट और एल्युमिनियम होता है जबकि लाल रंग की स्याही में मरक्युरियल सल्फाइड होता है इसलिए लाल रंग की स्याही ज्यादा खतरनाक होती है ।
टेटू बनवाने से पहले पाॅर्लर के बारे में पता करें । लायसेंस वाले पाॅर्लरों में ही टेटू बनवाएँ तथा आर्टिस्ट का रिकाॅर्ड चेक कर लें । नई निडल से ही टेटू बनवाएँ तथा स्याही के बारे में भी पूछताछ कर लें । पाॅर्लर वाले जो भी हिदायत दें उसे पूरे ध्यान से फाॅलो करें ।
टैटू के साइड इफेक्ट्स Tattoo side effects
१) जिन लोगो के शरीर पर टैटू होते है अगर वे MRI या X -Ray करवाते है तब यह सम्भावना रहती है की MRI या X -Ray की इमेज टैटू की वजह से पूरी तरह से विज़िबल न हो।
२) टैटू बनवाने के लिए जिस इंक का प्रयोग किया जाता है उससे स्किन कैंसर होने की संभाकी वजह वना रहती है।
३) जो लोग रक्त दान जैसा पुण्य का काम करते है ,वे अगर टैटू बनवाते है तब उन्हें कुछ समय तक रक्त दान करना वर्जित रहता है। यह अवधि कुछ महीनो तक की हो सकती है।
४) कुछ सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में टेटू बनवाना वर्जित रहता है।
५) टेटू बनवाने के तुरंत बाद एक घाव हो जाता है। वैसे यह घाव शरीर खुद से ठीक कर लेता है लेकिन कई बार यह एक बड़ा रूप धारण कर लेता है।
कुछ सेलिब्रिटीज और उनके टैटू Famous Celebrities and their tattoos
१) अक्षय कुमार - अक्षय कुमार ने अपने बेटे आरव के नाम का टैटू बनवा रखा है।
२) केटी पैरी ने 8 टेटू बनवा रखे है जिसमे से एक संस्कृत भाषा से लिया गया है। अनुगच्छेति प्रवाह जिसका मतलब प्रवाह के साथ चलना होता है।
३) रणबीर कपूर ने अपने हाथ पर "आवारा" लिखवा रखा है। ऐसा माना जाता है की यह उन्होंने उनके दादाजी की फिल्म "आवारा" जो की 1951 में रिलीज़ हुई थी उससे प्रेरित हो कर बनवाया है।
४) आलिया भट्ट ने अपने गले पर "पटाका" लिखवा रखा है।
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Simply superb and an eye opener
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