इंडियन फास्ट फूड सत्तू : INDIAN FAST FOOD SATTU
इंडियन फास्ट फूड सत्तू
- रेणु जैन
सत्तू का नाम भारत में कोई नया नहीं है । बरसों से यह नाम भोज्य पदार्थ के रूप में प्रचलित है । इसका प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से होता है । पहले शहरों में भी इसका प्रचलन आम बात थी लेकिन लगातार बढ़ती आधुनिकता के कारण यह खाद्य पदार्थ गाँवों तक ही सिमटता जा रहा है मगर क्या आपको पता है कि विदेशों में खाने की ऐसी बहुत सी चीजें प्रचलित हैं जो भारत में खोजी गई या भारत में पाई जाती है। इन भारतीय चीजों को न सिर्फ वहाँ मँहगे दामों पर बेचा जाता है बल्कि कुछ जगहों पर इनके लिए लोग लाइन में लगाकर अपनी बारी का इंतजार भी करते हैं । सत्तू की महक आज भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में फैल रही है। चीन, दक्षिण कोरिया, अफ्रीका आदि देशों में सत्तू लोकप्रिय हो रहा है ।
गौरतलब है कि भारत के प्राचीन गं्रथों में सत्तू शब्द का प्रयोग मिलता है । स्नान के बाद सत्तू का दान करना शास्त्रों में महत्वपूर्ण बताया गया है । पाली प्राकृत में सत्तू, प्राकृत और भोजपुरी में सतुआ, कश्मीरी में सोतु, कुमाउनी में सातु-सत्तु, पंजाबी में सत्तू, सिंधी में सांतू, गुजराती में सातू तथा हिन्दी में सत्तू और सतुआ इसके नाम हैं।
इंडियन फास्ट फूड कहे जाने वाले सत्तू के उपयोग से आप अपनी सेहत भी अच्छी कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका सेवन करना इतना आसान है कि इसे कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में खाया जा सकता है। साथ ही यह सस्ता, सात्विक एवं आसानी से मिलने वाला फूड है। चरक संहिता में सत्तू के सेवन को ग्रीष्मकाल में बेहतर बताया गया है ।
मोटापे पर विजय
एक नई बीमारी मोटापे से परेशान लोग डाइटिंग के चलते कई घंटों भूखे रहते हैं, जिससे वजन तो कम हो जाता है लेकिन ज्यादा समय तक भूखे रहने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है । सत्तू पाचन में हल्का होता है जो शरीर को छरहरा बनाता है। मोटापे में भूख लगने पर प्रोटीन से भरपूर सत्तू का सेवन करने पर भूख तो शांत हो जाती है साथ ही लंबे समय तक भूख नहीं लगती ।
पेट को रखे कूल-कूल
गर्मियों में लू से बचाने के गुण सत्तू में होते हैं। गर्मी में हाथ-पैरों की जलन दूर करने के अलावा सत्तू ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण कब्ज को दूर करता है । इसमें बहुत अधिक पोषण होने के कारण बढ़ते बच्चों के लिए इसका सेवन गुणकारी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सत्तू गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काफी गुणकारी होता है ।
स्किन को दे ग्लो
सत्तू भूनकर तथा पीसकर बनाए जाने के कारण पाचन में आसान होता है। शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने के गुण के कारण सत्तू हमारी त्वचा को चमकदार बनाता है ।
डायबीटिज से छुटकारा
स्त्तू का सेवन सेहतमंद बनाने के साथ ही शरीर में एक्स्ट्रा ग्लूकोज की मात्रा को भी कम करता है । डायबीटिज के रोगी गुड या शक्कर के स्थान पर नमक डालकर भी सत्तू को उपयोग में ले सकते हैं ।
एनीमिया की समस्या से निजात
एनीमिया को दूर करने के लिए सत्तू का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। भारत में महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत पाई जाती है । खासतौर से गर्भावस्था के बाद । इसलिए रोजाना सत्तू में पानी मिलाकर पीने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
रोजी रोटी का जरिया भी
कुछ महिलाओं से शुरू हुआ नालंदा सत्तू की बिक्री इस कदर बढ़ी कि यह सत्तू आॅस्ट्रेलिया, कनाडा, युगांडा, अमेरिका, ब्राजील से लेकर मलेशिया तक पहुँच गया । अब 5 हजार महिलाएँ इस काम से जुड़ चुकी हैं । नालंदा सत्तू अब सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में भी एक ब्रांड के रूप में उभर रहा है। इसकी ब्राडींग तथा मार्केटिंग करने का जिम्मा भी अमेजन कंपनी तथा बिग बाजार को दिया गया है। इसकी खासियत यह होगी कि इस सत्तू को मिलों या कारखानों में नहीं बनाया जाएगा बल्कि महिलाएँ हाथों से इसे तैयार करेंगी ।
सत्तू के कई व्यंजन भी
जिस सत्तू के बिना लिट्टी चोखा अधूरा है उसे आप पानी में घोलकर भी पी सकते हैं और सत्तू के शर्बत में प्याज, नींबू, मिर्च, जीरा पाउडर डालकर भी टेस्टी बना सकते हैं । सत्तू को हल्का खट्टा स्वाद देने के लिए खट्टी चटनी भी इसमें मिलाई जाने लगी है । सत्तू का पराठा तथा कचैरी भी बनाई जाती है।
कुछ सावधानियाँ
सत्तू ताजे पानी में घोलना चाहिए । दूध के साथ सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए । भोजन के बाद कभी भी सत्तू ना खाएँ तथा खाते समय बीच-बीच में पानी न पिएँ। इसे अधिक मात्रा में भी न खाएँ ।
धर्मगुरू दलाई लामा की भी पसंद सत्तू
तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगरू दलाई लामा को बिहार का सत्तू बेहद पसंद है। धर्मगुरू शुद्ध शाकाहारी हैं । वे दोपहर के भोजन के पहले सत्तू जरूर खाते हैं ।
सत्तू खाने के लिए एक खास दिन भी
एक रोचक बात यह है कि बिहार में सत्तू की इतनी लोकप्रियता है कि इसके लिए एक खास दिन भी मनाया जाता है । सत्तुआनी के नाम से मनाया जाने वाले इस खास दिन लगभग हर घर में सत्तू ही खाया जाता है ।
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