घबराएँ नहीं कहिए-अहा गर्मी वाह गर्मी - GHABRAYE NAHI KAHIYE AHA GARMI VAAH GARMI!

घबराएँ नहीं कहिए-अहा गर्मी वाह गर्मी
- रेणु जैन


सर्द हवाओं को अलविदा करते ही तपती गर्मी का मौसम आगया । पूरा वातावरण गर्म होने लगा है, लेकिन घबराइए नहीं । थोड़ी-सी तैयारी कीजिए । कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दीजिए और फिर मजे से गर्मी का भी आनंद उठाइए । अमल करें कुछ छोटी-छोटी बातों पर:-
सुबह जल्दी उठें और घूमने जाएँ
कहावत है कि ‘समय पर उठना एवं समय पर सोना’ व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाता है, लेकिन हममें से कितने लोग ऐसे हैं, जो इस रास्ते पर चलते हैं । गर्मियों के लंबें दिनों में सूरज उगने के पहले का समय ठंडा और खुशनुमा होता है । इस समय आप व्यायाम करे । ऐसे व्यायाम उम्र के हिसाब से हलके और भीरी भी हो सकते हैं । योग, प्राणायाम और ध्यान करें । इससे आप इस जल्दी थका देने वाले मौसम में न सिर्फ चुस्त-दुरूस्त रहेंगे बल्कि आपके तनाव, चिंता, हताशा एवं अवसाद भी दूर हो सकते हैं । 
यदि यह संभव न हो तो सिर्फ टहलने निकल जाएँ । हो सके तो थोड़ी दूर तेज चलें । चिड़ियों की चहचहाट के बीच बागवानी करें । इससे हमें नई आत्मशक्ति मिलती है, जिससे हम फिर पूरे दिन के लिए उत्साह एवं उमंग से भर जाते हैं ।
खूब पानी और घरेलू शीतल पिएँ
वैज्ञानिक रूप से हमारे शरीर को प्रतिदिन कम से कम ढाई लीटर पानी की जरूरत होती है । लेकिन यह भी कहा जाता है कि जितना पानी पिया जाए, शरीर के लिए उतना ही अच्छा है । हमारी किडनी में इतनी क्षमता होतीहै कि वह ज्यादा से ज्यादा पानी को भी यूरिन के द्वारा बाहर कर सकती है । गर्मी में तो नियम बना लेना चाहिए कि न भी प्यास लगे तो भी पानी पिएँ । गर्मी में शरीर में पसीना ज्यादा निकलता है । इससे शरीर में पानी की कमी तो हो ही जाती है, पोषक तत्वों का क्षरण भी तेजी से होता है । इसकी पूर्ति तरल पदार्थों से ही की जाती है । पर इसके लिए कृत्रिम पेयों की बजाय मटके के ठंडे पानी, छाछ, केरी का पना, खस, चंदन आदि का शर्बत एवं फलों के रस का उपयोग किया जा सकता है, जिससे शरीर में जल का स्तर तो समान बना ही रहता है, उसे पोषक तत्व भी मिलते हैं ।

ताजा तथा हल्का खाना खाइए

याद रखें मानव शरीर प्रभु की सर्वश्रेष्ठ कृति है । इसे स्वस्थ एवं निरोग रखना प्रत्येक मनुष्य का प्रथम कत्र्तव्य एवं धर्म है । यह तभी संभव होगा, जब हमारा आहार-विहार मौसम के अनुसार होगा । गर्मी के दिनों में अपच, उल्टियाँ, लूज मोशन की शिकायतें आम बात हैं । इनसे बचने के लिए जरूरी है कि दोनों समय ताजा और हल्का भोजन ग्रहण करें। ऐसे भोजन में आसानी से पचने वाला अन्न, हरी सब्जी, सलाद, फल आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं । भोजन ताजा रहे तो वह आसानी से पच सकेगा । यदि बासी रहा तो उससे तबियत बिगड़ने की पूरी गुंजाइश रहती है ।

दो बार स्नान करिए 

वैसे तो कई लोग दिनभर तरोताजा रहने के लिए सालभर ही दो बार नहाते हैं, लेकिन गर्मियों में ताजगी की जरूरत ज्यादा पड़ती है । इस मौसम में यदि दो समय ठंडे पानी से स्नान किया जाए तो थकान उतरने तथा पसीने के साफ हो जाने से जो ताजगी आएगी, वह फिर सुबह जैसे उत्साह का संचार करेगी । कोशिश यह भी की जा सकती है कि दिन में दो बार कपड़े बदलें । यदि स्नान करने के लिए सुबह या शाम में किसी स्वीमिंग पूल में जा सकें तो यह बहुत ही अच्छा होगा, क्योकि इससे न सिर्फ शरीर स्वच्छ होगा, बल्कि पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाएगी। तैरने को वैसे भी बहुत अच्छा व्यायाम माना गया है ।
गर्मीरोधन चीजों का इस्तेमाल करें
तेज गर्मी में लू से बचने के लिए हल्के पतले तथा पसीना सोखने वाले, जहाँ तक हो सके सूती वस्त्रों का उपयोग ठीक रहता है । कपड़ों के रंग भी गहरे नहीं होना चाहिए । मुँह पर साफ-सुथरा धुला स्कार्फ, हाथ में ग्लब्ज और आँखों पर धूप का चश्मा इस्तेमाल करें । आजकल सनबर्न की शिकायतें मिलना आम हो गई हैं । इसमें चेहरा झुलस जाता है तथा झुर्रियाँ भी पड़ सकती हैं । इससे बचने के लिए बाजार में उपलब्ध सनस्क्रीन क्रीम या लोशन उपयोग किया जा सकता है । लेकिन इसमें भी डाॅक्टर का परामर्श जरूरी है । बालों का भी ध्यान रखना जरूरी है । तेज धूप से बचाव के लिए छाते का इस्तेमाल भी कर सकते हैं । स्कार्फ को प्राथमिकता देना बहुत जरूरी है ।

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