जानिए टिड्डी दल को- Locust kya hai Hindi mein.

जानिए टिड्डी दल को
- रेणु जैन


locust attack in india

टिड्डी (Locust) के लाखों की संख्या में आए झुंडों ने भारत मे भारी आतंक मचा दिया है। जिसके चलते खासकर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। ये टिड्डियाँ इस तरह का हमला अक्सर बोलती रहती है जिसकी कोई पूर्व सूचना नही होती। तो जानिए टिड्डी दल को.....

* कहा जाता है कि दुनिया मे टिड्डियों (Locust) की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां होती है। लेकिन भारत मे केवल चार प्रजातियां होती है जिनमे रेगिस्तानी टिड्डा , प्रवाजक टिड्डा, बम्बई टिड्डा ओर पेड़ वाला टिड्डा शामिल है। रेगिस्तानी टिड्डा सबसे खतरनाक होता है। 

*विश्व मे मनुष्य से भी पहले कीटों  का अस्तित्व रहा है। कीट पतंगे मनुष्यों की जिंदगी से बहुत नजदीक से जुड़े है। टिड्डे (Locust) को रामजी का घोड़ा भी कहा जाता है। 

* वैसे टिड्डी (Locust) अकेले में शांत ही होती है पर अगर समूह में हो तो बड़ी उग्र हो जाती है। प्राचीन ग्रंथों में रेगिस्तानी टिड्डों को मनुष्यों के लिए अभिशाप बताया गया है। टिड्डी दल को सोए हुए दानव की उपमा भी दी जाती है। क्योंकि ये टिड्डी दल कभी भी उत्तेजित हो जाते है। 

* आसमान में जब टिड्डी (Locust)  दल उड़ता हुआ आता है तो ऐसा लगता है मानो लाल बादल या कोई रेतीली आंधी चली आ रही है। एक पल तो ऐसा लगता है कि लाखों की तादाद में टिड्डियाँ आसमान में उड़ रही है। अगले ही क्षण पूरा का पूरा दल एक साथ जमीन की ओर बढ़ने लगता है।

* कहा जाता है कि जब कोई टिड्डी (Locust) का झुंड खेतो में उतरता है तो सारी की सारी फसलो को चौपट कर डालता है। पत्ते ,फल,बीज ,खाल सब चट कर जाते है। इनके झुंड इतने बड़े होते है कि इनसे होने वाले नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टिड्डियों का एक छोटा झुंड एक दिन में दस हाथी ,25 ऊँट या 2500 लोगो के बराबर खाना खा जाते है।

* एफएओ की मानें तो रेगिस्तानी टिड्डे दुनिया की दस फीसदी आबादी की जिंदगी को प्रभावित करते है। आसमान में उड़ते इन टिड्डी (Locust) दलों में यदि झुंड बड़ा हो तो तकरीबन दस अरब टिड्डों तक हो सकते है।

* संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन यानी एफए ओ के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में तकरीबन चार करोड़ टिड्डियाँ होती है ।जो एक दिन में तेरह किलोमीटर की रफ्तार से करीब 200 किलोमीटर तक का रास्ता नाप लेती है। 

* पूरी दुनिया मे टिड्डियों के कारण जो नुकसान होता है वो अरबों डॉलर का होता है। कहा जाता है सिर्फ अमेरिका में हर साल टिड्डियों के हमले से डेढ़ अरब डॉलर का नुकसान होता है।

* कीट पतंगों के विशेषज्ञों का कहना है कि भारी संख्या में टिड्डियों के पनपने का कारण वैश्विक तापवृद्धि है। एक मादा टिड्डी तीन बार तक अंडे दे सकती है। एक बार मे 95 से 158 तक अंडे दे सकती है। 

* सन 2019 में गुजरात के बनासकांठा जिले में जो टिड्डी दल आया था । कहते है इस दल में करीब 50 करोड़ टिड्डियाँ थी। 

* अरब सागर के पास स्थित अफ़्रीकन देशो में इनके अटैक ज्यादा होते है । इनमे सोमालिया , इथियोपिया, एरिट्रिया मुख्य है ।

* एक रोचक किस्सा यू भी हुआ था कि पाकिस्तान के कराची स्टेडियम में एक मैच चल रहा था कि अचानक दर्शकों में खलबली मच गई। पूरे स्टेडियम में लोग जमीन पर लेटने लगे फिर पता चला कि पूरे कराची शहर के ऊपर टिड्डियाँ फैल चुकी थी।

* वैसे तो टिड्डियों के दल को हमले से बचाने के लिए खेतो में छिड़काव तथा ड्रोन से रसायनों का छिड़काव किया जाता है लेकिन अभी भी कई गांवों में टिड्डियों को भगाने के लिए परंपरागत उपाय जैसे थाली, ढोल ,नगाड़े, बजाने जैसे उपाय किये जाते है । खेतो में धुंआ भी किया जाता है। कहते है आवाज के कंपन से टिड्डी दल रास्ता बदल लेते है । आजकल टिड्डियों को भगाने के लिए डीजे (DJ)  का प्रयोग भी किया जाता है पर जब करोड़ों टिड्डियों के झुंड हमला बोलते है तब सिर्फ तूफान ही इनकी स्पीड तथा रास्ता बदल सकता है।

यदि आपको अपनी टिपण्णी या अपने विचार रखने है तो कृपया नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।  आपकी कमैंट्स हमारे लिए महवत्पूर्ण है। 

"This article is owned by us and is purely for reading purpose for our valuable readers. Any type of reproduction/copy is not encouraged by us and may lead to disciplinary actions. Readers are allowed share the article but not to reproduce/copy in any form."

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

बीमारियों की वजह टेटू Bimariyo ki vajah banta Tattoo

आहारदान जैसा ही महादान रक्तदान Blood Donation Article in Hindi WORLD BLOOD DONOR DAY

सेहत का रखवाला हल्दी दूध : SEHAT KA RAKHWALA HALDI WALA DUDH (TURMERIC MILK HEALTH BENEFITS) GOLDEN MILK