असली ज़िन्दगी में भी ब्लॉकबस्टर - सोनू सूद : SONU SOOD ARTICLE HINDI MEIN

असली ज़िन्दगी में भी ब्लॉकबस्टर - सोनू सूद 
नवीन जैन , वरिष्ठ पत्रकार 


                                 अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का नाम  सदी के महानायक के रूप में  हर दम कायम रहेगा मगर अभिनेता मॉडल सोनू सूद (Sonu Sood) कोविड 19 (COVID-19) के संकटकाल में प्रवासियों की दिल खोल कर मदद के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं । भारत में अक्सर समाज सेवा को फुर्सत का काम माना जाता है लेकिन इस 47 वर्षीय अभिनेता अपने इस नए  काम को जीवन मरण का सवाल बना लिया है। अपने काम से ही नही अपने व्यवहार से भी पलायन कर रहे सोनू सूद उनके लिए नई ज़िन्दगी बन रहे है। 

                                सन 1999 से  सोनू सूद (Sonu Sood)   हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मों में दिखाई दे रहे हैं। । सोनू के नाम कुछ बड़े पुरुस्कार भी हैं जैसे  कि 2009 में, उन्हें तेलुगु ब्लॉकबस्टर अरुंधति में उनके काम के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए आंध्र प्रदेश राज्य नंदी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार  (Filmfare Award) मिला। 2010 में, उन्होंने एक नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अप्सरा पुरस्कार और बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर दबंग के लिए एक नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए IIFA पुरस्कार प्राप्त किया। 2012 में, उन्होंने जूली के लिए एक नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए SIIMA पुरस्कार प्राप्त किया।सोनू ने कई फिल्में की तथा कर रहे हैं । कई फिल्मो में उत्कृष्ट अभिनय के लिए उनका नाम फिल्म समीक्षक अक्सर लिया  करते है।  इनमे से प्रमुख फिल्में  है  आशिक़ बनाया आपने , जोधा अख़बर , शूटआउट एट वडाला , दबंग, हैप्पी न्यू ईयर और हाल ही में रिलीज़ हुई सिम्बा।  

                               उनका ट्विटर (twitter) हरदम चालू रहता है। किसी महिला ने उनसे फोन पर कहा कि मैं तो हम दोनों के झगडो से तंग आ गई हूं । या तो इन्हें इनके घर उत्तर प्रदेश भेज दें या मुझे मेरे मायके बिहार रवाना करवा दें । सोनू सूद (Sonu Sood) ने जवाब दिया आप दोनों को गोवा भेज रहा हूँ । घूमने से आपसी शिकायतें दूर हो जाएँगी । किसी ने उनसे घर वापस भेजने को कहा।सोनू ने ट्विटर  पर कहा चलो मै खुद आप लोगों को पटना छोड़कर आता हूं ।मनोवैज्ञानिक कहते कि बुरे समय में कोई पराया भी आपसे इतना भर कह दे कि मै हूँ न ! चिनता क्यो करते हो ?  इस तरह के छोटे वाक्य जीवन दायिनी औषद्यि का काम करते हैं ।  सोनू के दीवाने होने की होड़ मची हुई  है । उन्हें द ओनली मसीहा ऑफ कंट्री या फरिष्ता कहकर पुकारा जा रहा है । सोनू कामगारों को कह रहे हैं कि घर पहुंचकर फेमिली फोटो ज़रुर भेजना ।
 
                            हिंदी फिल्मो तथा दक्षिण भारत की फिल्मों के स्थापित खलनायक सोनू सूद (Sonu Sood) पंजाब में 1973 में जन्में थे । उन्हों ने मॉडलिंग भी की ।वें नागपुर से उच्च डिग्री प्राप्त है ।सोनू के अलावा अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) तथा सलमान खान (Salman Khan) भी श्रमिक प्रवासियों को उनके ठिकानो तक पहुँचाने के काम में लगतार जुटे है। 

                            बिहार (Bihar) के दरभंगा की एक गभर्वती स्त्री जब सोनू सूद की मदद से घर पहुंच गई तो उसने अपने नवजात बच्चे का नाम सोनू रख दिया । बिहार के सिवान नामक स्थान पर सोनू की सार्वजनिक प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यूजर कह रहे हैं कि काम बोलता है । बाद में उस काम की इज़्ज़त होने लगती है फिर उसी इज़्ज़त को नाम दे दिया जाता है । ख्याल रहे कि बिहार के अनगिनत लोग मुंबई में बसते हैं ।वे ही पलायन कर रहे हैं  ।
                            सोनू कहते हैं कि शुरू में तो वह भी मुबंई (Mumbai) की भीड में खो गए थे ।उनसे बात तक करने को कोई तैयार नही था । उनकी हिम्मत भी जमकर तोडी गई। सोनू अपनी माँ को अपनी कोई बडी फ़िल्म नहीं दिखा पाए जबकि उनकी माँ उनकी माँ उन्हें बड़ा एक्टर बनते देखना चाहती थी। 

                            सोनू तमिलननादु के करीब तीन सौ लोगों उनके आशियानों पर भेज चुके हैं  । इन लोगों ने उनकी टीम सहित आरती उतारी । इन इडली विक्रेताओं को सोनू ने हाथ साफ करते रहने के लिए भी चौकन्ना किया । हमारे देश में हीरो हिरोइनो को पूजे जाने की परम्परा पुरानी है लेकिन ऐसे किस्से कम ही देखने को मिलते हैं । सोनू ने नारियल फोड़कर बसों को बिदा किया। इन मुसाफिरों ने अपने प्रदेश में सोनू को आने का निमंत्रण दिया दिया जिसे सोनू ने स्वीकार लिया ।

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