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Showing posts from May, 2020

जानिए कुछ फैक्ट्स स्पेनिश फ़्लु के बारे में - Jaaniye Kuch Facts Spanish Flu ke baare mei

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जानिए कुछ फैक्ट्स स्पेनिश फ़्लु के बारे में  Spanish Flu महामारी जनवरी 1918 से दिसंबर 1920 तक चली. इसने दुनिया में लगभग 50 करोड़ लोगों को संक्रमित किया जो उस समय दुनियाभर की आबादी का 25% था |  इससे मरने वालों की संख्या अनुमानतः 170 लाख से लेकर 5 करोड़ के बीच है।  चलिए जानते है इसके बारे में कुछ interesting facts : 1 ) इस महामारी का नाम Spanish Flu था लेकिन यह Spain में नहीं शुरू हुई थी।   यह महामारी World War 1 के समय शुरू हुई थी।  क्योकि स्पेन वर्ल्ड वॉर १ में neutral था इसलिए वहाँ कोई censorship घोषित नहीं की गई थी।  इसी वजह से वहाँ के अखबारों ने King Alfonso XIII जो की स्पेनिश फ़्लु से इन्फेक्टेड हो गए थे , उनकी खबरें छापना चालू कर दी थी।  दूसरी ओर जो देश इस महामारी से बुरी तरह चपेट में आये हुए थे वे सेंसरशिप के चलते इस बीमारी की खबरें अखबारो में नहीं छापते थे।  इस वजह से स्पेन का नाम पूरी दुनिया में फैलता गया और इसी वजह से इस महामारी को Spanish flu कहा जाने लगा।   2 ) इस महामारी में जितने लोग अपनी जान गवा बैठे उनकी संख्या आज त...

ईयरफोन का शौक खतरनाक - Earphone ka shauk khatarnaak #earphones #music #roadsafety #traffic #roadaccidents #earphoneaddiction

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ईयरफोन का शौक खतरनाक  - रेणु जैन                       Earphone पर Music सुनने के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएँ जितनी दर्दनाक हैं इन हादसों के शिकार लोगों की लापरवाही उतनी ही अफसोसजनक हैं । World Health Organization के आँकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 1.1 अरब किशोर तथा युवा earphone की तेज आवाज की आदत के चलते बहरेपन की कगार पर हैं । University of Maryland की एक स्टडी के ताजा आँकड़े बताते है कि पिछले छह सालों में ईयरफोन की वजह से हुए हादसों में तीन गुणा वृद्धि हुई है । वहीं अमेरिका में पिछले पाँच सालों में 116 ऐसे हादसे हुए जिनमें ईयरफोन लगाए लोग कारों, बसों या ट्रेक की चपेट में आकर जान से हाथ धो बैठे । हर समय अकेले Mumbai में ज्यादातर बाहरी और ट्रेन के ट्रेफिक से अनजान होने के अलावा earphone इस्तेमाल किए हुए होते हैं । New York शहर के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में एक सर्वे करवाया । इसमें 18 से लेकर 44 वर्ष की आयु के लोगों का रूटीन चेकअप करवाया गया । इस सर्वे में हर चार में से एक व्यक्ति को headphone के अधिक इस्तेमाल के कारण स...

ई-सिगरेट का बढ़ता चलन (Electronic Cigarette ka badhta chalan) #e-cigarette #cigarette #tobacco #nicotine #cancer

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ई-सिगरेट का बढ़ता चलन (Electronic Cigarette ka badhta chalan) - रेणु जैन         नशे का मतलब होता है कि आदमी अपने होश खो बैठे और बेखुदी में चला जाए । अपने आप के गुम हो जाने का नाम ही नशा है । पिछले कुछ सालों से cigarette के विकल्प के रूप में e-cigarette का चलन तेजी से बढ़ा है । e-cigaretteआम सिगरेट से हट कर बैटरी से चलने वाली सिगरेट है जिसमें nicotine युक्त काट्रिज होता है । चालू करने पर इससे निकलने वाली nicotine की भाप सिगरेट जैसा अनुभव देती है । निकोटीन ही वह केमिकल है जो बार-बार स्मोकिंग करने को मजबूर करता है ।  e-cigarette की battery USB drive से चार्ज की जा सकती है ।     गौरतलब है कि करीब 12 वर्ष पहले चीन में electronic cigarette का आविष्कार हुआ जिसमें बिना nicotine को जलाए और धुँआ छोड़े सिगरेट का मजा लिया जा सकता है । e-cigarette को सिगरेट के सुरक्षित विकल्प के तौर पर प्रचारित किया गया । यही कारण है कि यह America  समेत पूरी दुनिया में किशोरों, युवाओं, प्रौढ़ों तथा महिलाओं में तेजी से लोकप्रिय हो गई । कोरिया में 75 फीसदी युवा e-cig...

दान की महिमा - DAAN KI MAHIMA #donations #donate #socialcause

दान की महिमा  - रेणु जैन कर्ण, दधीचि और राजा हरीशचंद्र जैसे परम दानी भारत में ही हुए हैं जिन्होंने दुनिया के सामने दान की मिसाल कायम की । पुराणों में अनेक तरह के दानों का उल्लेख मिलता है जिनमें अन्नदान, विद्यादान, अभयदान और धनदन को श्रेष्ठ माना गया है । यूँ ही नहीं कहा जाता कि एक हाथ से दान करो, तो दूसरे हाथ को पता नहीं चलना चाहिए । निस्वार्थ भाव से किया गया दान ही सही मानये में दान कहलाता है । यूनिवर्सिटी आॅफ बुफेलो के शोधकर्ता माइकल जे. पाॅलिन ने एक शोध किया जिसमें उन्होंने पाया कि दूसरों को सहयोग करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है । समाज से अलग-थलग रहने वाले और तनाव में जीने वाले लोग जल्दी ही शारीरिक रूग्णता के शिकार होने लगते हैं जबकि वहीं दूसरों की मदद करने से हमें लंबी उम्र की प्राप्ति होती है । वेदों और पुराणों में कहा गया है कि दान देने से हममें परिग्रह करने की प्रवृत्ति नहीं आती । मन में उदारता का भाव रहने से विचारों में शुद्धता आती है । मोह तथा लालच नहीं रहता । दान करने से हम न सिर्फ दूसरों का भला करते हैं बल्कि अपने व्यक्तित्व को भी निखारते हैं । जब हम दान बिना किसी ...

पूजा में पीले कपड़े ही क्यों पहने जाते हैं : POOJA MEIN PEELE KAPDE HI KYUN PEHNE JAATE HAIN

पूजा में पीले कपड़े ही क्यों पहने जाते हैं - रेणु जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान की पूजा और अर्चना के समय पीले रंग के कपड़े पहनने को शुभ माना गया है । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पीले रंग को गुरू का रंग कहा गया है । प्राचीन समय से ही पीले रंग को ऊर्जावान रंगों की श्रेणी में रखा गया है । हाल में अमेरिका में हुए शोध में यह बात सामने आई कि पीला रंग इंसान की उमंग को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को अधिक सक्रिय करता है । यह अध्ययन अमेरिका में 500 से अधिक लोगों पर तीन साल तक किया गया जिसमें पता चला कि जो लोग पीले रंग के कपड़ों को ज्यादा प्राथमिकता देते थे उनकी कार्यक्षमता और आत्मविश्वास दूसरे लोगों की तुलना में काफी अधिक था । अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि इन लोगों ने अपने कार्य के साथ-साथ अपने को स्वस्थ रखने का ध्यान भी अधिक रखा । शोधकर्ताओं का मानना है कि पीले रंग के कपड़े पहनने से दिमाग का सोचने-समझने वाला हिस्सा अधिक सक्रिय हो जाता है जो मनुष्य के अंदर ऊर्जा पैदा करता है। यह रंग इंसान की खुशी और उमंग पैदा करता है। शायद कुछ लोग ही यह बात जानते हैं कि भारत में गुरूवार को पीले वस्त्र पहनकर पूजा की जा...

घबराएँ नहीं कहिए-अहा गर्मी वाह गर्मी - GHABRAYE NAHI KAHIYE AHA GARMI VAAH GARMI!

घबराएँ नहीं कहिए-अहा गर्मी वाह गर्मी - रेणु जैन सर्द हवाओं को अलविदा करते ही तपती गर्मी का मौसम आगया । पूरा वातावरण गर्म होने लगा है, लेकिन घबराइए नहीं । थोड़ी-सी तैयारी कीजिए । कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दीजिए और फिर मजे से गर्मी का भी आनंद उठाइए । अमल करें कुछ छोटी-छोटी बातों पर:- सुबह जल्दी उठें और घूमने जाएँ कहावत है कि ‘समय पर उठना एवं समय पर सोना’ व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाता है, लेकिन हममें से कितने लोग ऐसे हैं, जो इस रास्ते पर चलते हैं । गर्मियों के लंबें दिनों में सूरज उगने के पहले का समय ठंडा और खुशनुमा होता है । इस समय आप व्यायाम करे । ऐसे व्यायाम उम्र के हिसाब से हलके और भीरी भी हो सकते हैं । योग, प्राणायाम और ध्यान करें । इससे आप इस जल्दी थका देने वाले मौसम में न सिर्फ चुस्त-दुरूस्त रहेंगे बल्कि आपके तनाव, चिंता, हताशा एवं अवसाद भी दूर हो सकते हैं ।  यदि यह संभव न हो तो सिर्फ टहलने निकल जाएँ । हो सके तो थोड़ी दूर तेज चलें । चिड़ियों की चहचहाट के बीच बागवानी करें । इससे हमें नई आत्मशक्ति मिलती है, जिससे हम फिर पूरे दिन के लिए उत्साह ए...

इंडियन फास्ट फूड सत्तू : INDIAN FAST FOOD SATTU

इंडियन फास्ट फूड सत्तू - रेणु जैन सत्तू का नाम भारत में कोई नया नहीं है । बरसों से यह नाम भोज्य पदार्थ के रूप में प्रचलित है । इसका प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से होता है । पहले शहरों में भी इसका प्रचलन आम बात थी लेकिन लगातार बढ़ती आधुनिकता के कारण यह खाद्य पदार्थ गाँवों तक ही सिमटता जा रहा है मगर क्या आपको पता है कि विदेशों में खाने की ऐसी बहुत सी चीजें प्रचलित हैं जो भारत में खोजी गई या भारत में पाई जाती है। इन भारतीय चीजों को न सिर्फ वहाँ मँहगे दामों पर बेचा जाता है बल्कि कुछ जगहों पर इनके लिए लोग लाइन में लगाकर अपनी बारी का इंतजार भी करते हैं । सत्तू की महक आज भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में फैल रही है। चीन, दक्षिण कोरिया, अफ्रीका आदि देशों में सत्तू लोकप्रिय हो रहा है । गौरतलब है कि भारत के प्राचीन गं्रथों में सत्तू शब्द का प्रयोग मिलता है । स्नान के बाद सत्तू का दान करना शास्त्रों में महत्वपूर्ण बताया गया है । पाली प्राकृत में सत्तू, प्राकृत और भोजपुरी में सतुआ, कश्मीरी में सोतु, कुमाउनी में सातु-सत्तु, पंजाबी में सत्तू, सिंधी में सांतू, गुजराती में सातू तथा हि...