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शाकाहार से पाएँ लम्बी उम्र: Shakahar Se Paayein Lambi Umra #Vegetariandiet #Vegetarianism

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शाकाहार से पाएँ लम्बी उम्र - रेणु जैन कुछ समय पहले तक यह मान्यता थी कि माँसाहार (non vegetarian food) से शरीर हष्ट-पुष्ट होता है । शरीर को बलवान बनाने के लिए माँसाहार (non vegetarian food) पर ही जोर दिया जाता था, पर अब उक्त धारणा बदलने लगी है । भोजन में माँसाहार को तवज्जो देने वाले लोग मानने लगे हैं कि माँसाहार बलवर्द्धक तो होता ही नहीं उलटे स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है । इसीलिए दुनिया के कई देशों में शाकाहार (vegetarianism) को प्राथमिकता दी जाने लगी है।  यह माना जाने लगा है कि शाकाहार (vegetarian food) शक्तिवर्द्धक तो होता ही है इससे स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता, साथ ही यह शरीर को निरोग रखता है। वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि धरती पर जीवन बनाए रखने में कोई भी चीज मनुष्य को उतना फायदा नहीं पहुँचाएगी जितना की शाकाहार (vegetarian food) का विकास । दरअसल शाकाहार के पक्ष में दुनियाभर में पिछले कुछ सालों से माहौल तेजी से बनने लगा है । दुनियाभर में शाकाहार को बढ़ावा देने वाली प्रतिष्ठित संस्था ‘पेटा’ की प्रवक्ता बेनजीर सुरैया का कहना है कि भारत शाकाहार का जन्मस्...

सेहत का रखवाला हल्दी दूध : SEHAT KA RAKHWALA HALDI WALA DUDH (TURMERIC MILK HEALTH BENEFITS) GOLDEN MILK

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                                              सेहत का रखवाला हल्दी दूध (GOLDEN MILK)                                                                         - रेणु जैन                     चाहे सर्दी-जुकाम हो या फिर कहीं चोट लगी हो हमारे बुजुर्ग झट से घर में हमें हल्दी वाले दूध (Turmeric milk ) पीने की सलाह देते हैं । Corona Virus के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH)  ने सभी देशवासियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कुछ टिप्स भी दिए जिसमे एक हल्दी वाला दूध (Turmeric milk ) का सेवन करना भी है।  ‘मसालों की रानी’ कही जाने वाली हल्दी सुनहरे रंग, तेज स्वाद तथा सुगंध वाली होती है । पूरे विश्व में लोग इ...

JUNE 5 WORLD ENVIRONMENT DAY SPECIAL : कोरोना संकट से उबार सकता है पर्यावरण संरक्षण भी

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JUNE 5 WORLD ENVIRONMENT DAY SPECIAL कोरोना संकट से उबार सकता है पर्यावरण संरक्षण भी - नवीन जैन, वरिष्ठ पत्रकार                   COVID-19 या Corona वायरस के खतरों से निकलने के लिए पर्यावरण संरक्षण पर भी ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना जरूरी हो गया है। शोधों से जाहिर हो चुका है कि कोरोना का महासंकट प्रकृति से की गई लगातार मनमानी छेड़छाड़ से भी उपजा। 5 जून एक ऐसा दिन है जब हम प्रकृति संरक्षण को जीवन का छोटा सा मकसद भी बना सकते है । 5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है। अथर्व वेद में कहा गया है कि हे धरती माँ, जो कुछ भी तुमसे लूँगा वह उतना ही होगा जितना तू पुनः पैदा कर सके । तेरे मर्मस्थल पर या तेरी जीवन शक्ति पर कभी आघात नहीं करूँगा । मनुष्य जब तक प्रकृति के साथ किए गए इस वादे पर कायम रहा सुखी और संपन्न रहा किन्तु जैसे ही इस वादे का अतिक्रमण हुआ प्रकृति के विध्वंसकारी और विघटनकारी रूप उभर कर सामने आए । सैलाब और भूकम्प आए । पर्यावरण में और विषैली गैसें घुलीं । मनुष्य की आयु कम हुई और धरती एक-एक बूँद पानी के लिए तरसने...

जानिए टिड्डी दल को- Locust kya hai Hindi mein.

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जानिए टिड्डी दल को - रेणु जैन टिड्डी (Locust) के लाखों की संख्या में आए झुंडों ने भारत मे भारी आतंक मचा दिया है। जिसके चलते खासकर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। ये टिड्डियाँ इस तरह का हमला अक्सर बोलती रहती है जिसकी कोई पूर्व सूचना नही होती। तो जानिए टिड्डी दल को..... * कहा जाता है कि दुनिया मे टिड्डियों (Locust) की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां होती है। लेकिन भारत मे केवल चार प्रजातियां होती है जिनमे रेगिस्तानी टिड्डा , प्रवाजक टिड्डा, बम्बई टिड्डा ओर पेड़ वाला टिड्डा शामिल है। रेगिस्तानी टिड्डा सबसे खतरनाक होता है।  *विश्व मे मनुष्य से भी पहले कीटों  का अस्तित्व रहा है। कीट पतंगे मनुष्यों की जिंदगी से बहुत नजदीक से जुड़े है। टिड्डे (Locust) को रामजी का घोड़ा भी कहा जाता है।  * वैसे टिड्डी (Locust) अकेले में शांत ही होती है पर अगर समूह में हो तो बड़ी उग्र हो जाती है। प्राचीन ग्रंथों में रेगिस्तानी टिड्डों को मनुष्यों के लिए अभिशाप बताया गया है। टिड्डी दल को सोए हुए दानव की उपमा भी दी जाती है। क्योंकि ये टिड्डी दल कभी भी उत्तेजित हो जाते है।  * आसमान में जब टिड्डी (Locust)...

चीन को लेकर लगातार सतर्कता की जरूरत - China ko lekar lagatar satarkta ki zaroorat

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चीन को लेकर लगातार सतर्कता की जरूरत  नवीन जैन , वरिष्ठ पत्रकार  यह सिर्फ और सिर्फ एक ख़ामोख्याली भी हो सकती है कि Prime Minister Narendra Modi के सख्त रवैये और America के बीच मे पड़ने के कारण काली नज़र वाला चीन अपनी हेकड़ी भूल बैठा है। इसलिए कहा जा सकता है कि मोदी की जो सर्वत्र प्रशंसा हो रही है , वह भी उचित नहीं है। नोट करें कि यह वही ड्रेगन था जिसने ढाई - तीन साल पहले 2017 में डोकलाम विवाद के चलते 73 दिनों तक भारत की नींद हराम कर दी थी और स्थिति जंग तक पहुंच गई थी। उस वक्र चीन ने India को धमकी दी थी या डराया था कि India 1962 में हुई शर्मनाक पराजय को याद रखें। गहराई से सोचे तो पता चलेगा कि 1962 में राजनेता चाऊ एन लाई ने हिन्दू - चीनी भाई - भाई कहा था। यह नारा दुनिया भर में मशहूर हो गया था।  तत्कालीन भावुक प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू का तब खुशियों का ठिकाना नहीं रहा था, लेकिन उसी दौरान चीन ने धोखे से जो हमला बोला तो कहते हैं कि हमारी पलटनों को कई किलोमीटर की रफ्तार से पीछे हटना या पोस्ट खाली करके भागना पड़ा था। इस धोखे से पंडितजी दिल के दौरे से चल बसे थे। इसके बाद भारत ने अ...

जानिए कुछ फैक्ट्स स्पेनिश फ़्लु के बारे में - Jaaniye Kuch Facts Spanish Flu ke baare mei

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जानिए कुछ फैक्ट्स स्पेनिश फ़्लु के बारे में  Spanish Flu महामारी जनवरी 1918 से दिसंबर 1920 तक चली. इसने दुनिया में लगभग 50 करोड़ लोगों को संक्रमित किया जो उस समय दुनियाभर की आबादी का 25% था |  इससे मरने वालों की संख्या अनुमानतः 170 लाख से लेकर 5 करोड़ के बीच है।  चलिए जानते है इसके बारे में कुछ interesting facts : 1 ) इस महामारी का नाम Spanish Flu था लेकिन यह Spain में नहीं शुरू हुई थी।   यह महामारी World War 1 के समय शुरू हुई थी।  क्योकि स्पेन वर्ल्ड वॉर १ में neutral था इसलिए वहाँ कोई censorship घोषित नहीं की गई थी।  इसी वजह से वहाँ के अखबारों ने King Alfonso XIII जो की स्पेनिश फ़्लु से इन्फेक्टेड हो गए थे , उनकी खबरें छापना चालू कर दी थी।  दूसरी ओर जो देश इस महामारी से बुरी तरह चपेट में आये हुए थे वे सेंसरशिप के चलते इस बीमारी की खबरें अखबारो में नहीं छापते थे।  इस वजह से स्पेन का नाम पूरी दुनिया में फैलता गया और इसी वजह से इस महामारी को Spanish flu कहा जाने लगा।   2 ) इस महामारी में जितने लोग अपनी जान गवा बैठे उनकी संख्या आज त...

ईयरफोन का शौक खतरनाक - Earphone ka shauk khatarnaak #earphones #music #roadsafety #traffic #roadaccidents #earphoneaddiction

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ईयरफोन का शौक खतरनाक  - रेणु जैन                       Earphone पर Music सुनने के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएँ जितनी दर्दनाक हैं इन हादसों के शिकार लोगों की लापरवाही उतनी ही अफसोसजनक हैं । World Health Organization के आँकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 1.1 अरब किशोर तथा युवा earphone की तेज आवाज की आदत के चलते बहरेपन की कगार पर हैं । University of Maryland की एक स्टडी के ताजा आँकड़े बताते है कि पिछले छह सालों में ईयरफोन की वजह से हुए हादसों में तीन गुणा वृद्धि हुई है । वहीं अमेरिका में पिछले पाँच सालों में 116 ऐसे हादसे हुए जिनमें ईयरफोन लगाए लोग कारों, बसों या ट्रेक की चपेट में आकर जान से हाथ धो बैठे । हर समय अकेले Mumbai में ज्यादातर बाहरी और ट्रेन के ट्रेफिक से अनजान होने के अलावा earphone इस्तेमाल किए हुए होते हैं । New York शहर के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में एक सर्वे करवाया । इसमें 18 से लेकर 44 वर्ष की आयु के लोगों का रूटीन चेकअप करवाया गया । इस सर्वे में हर चार में से एक व्यक्ति को headphone के अधिक इस्तेमाल के कारण स...

ई-सिगरेट का बढ़ता चलन (Electronic Cigarette ka badhta chalan) #e-cigarette #cigarette #tobacco #nicotine #cancer

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ई-सिगरेट का बढ़ता चलन (Electronic Cigarette ka badhta chalan) - रेणु जैन         नशे का मतलब होता है कि आदमी अपने होश खो बैठे और बेखुदी में चला जाए । अपने आप के गुम हो जाने का नाम ही नशा है । पिछले कुछ सालों से cigarette के विकल्प के रूप में e-cigarette का चलन तेजी से बढ़ा है । e-cigaretteआम सिगरेट से हट कर बैटरी से चलने वाली सिगरेट है जिसमें nicotine युक्त काट्रिज होता है । चालू करने पर इससे निकलने वाली nicotine की भाप सिगरेट जैसा अनुभव देती है । निकोटीन ही वह केमिकल है जो बार-बार स्मोकिंग करने को मजबूर करता है ।  e-cigarette की battery USB drive से चार्ज की जा सकती है ।     गौरतलब है कि करीब 12 वर्ष पहले चीन में electronic cigarette का आविष्कार हुआ जिसमें बिना nicotine को जलाए और धुँआ छोड़े सिगरेट का मजा लिया जा सकता है । e-cigarette को सिगरेट के सुरक्षित विकल्प के तौर पर प्रचारित किया गया । यही कारण है कि यह America  समेत पूरी दुनिया में किशोरों, युवाओं, प्रौढ़ों तथा महिलाओं में तेजी से लोकप्रिय हो गई । कोरिया में 75 फीसदी युवा e-cig...

दान की महिमा - DAAN KI MAHIMA #donations #donate #socialcause

दान की महिमा  - रेणु जैन कर्ण, दधीचि और राजा हरीशचंद्र जैसे परम दानी भारत में ही हुए हैं जिन्होंने दुनिया के सामने दान की मिसाल कायम की । पुराणों में अनेक तरह के दानों का उल्लेख मिलता है जिनमें अन्नदान, विद्यादान, अभयदान और धनदन को श्रेष्ठ माना गया है । यूँ ही नहीं कहा जाता कि एक हाथ से दान करो, तो दूसरे हाथ को पता नहीं चलना चाहिए । निस्वार्थ भाव से किया गया दान ही सही मानये में दान कहलाता है । यूनिवर्सिटी आॅफ बुफेलो के शोधकर्ता माइकल जे. पाॅलिन ने एक शोध किया जिसमें उन्होंने पाया कि दूसरों को सहयोग करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है । समाज से अलग-थलग रहने वाले और तनाव में जीने वाले लोग जल्दी ही शारीरिक रूग्णता के शिकार होने लगते हैं जबकि वहीं दूसरों की मदद करने से हमें लंबी उम्र की प्राप्ति होती है । वेदों और पुराणों में कहा गया है कि दान देने से हममें परिग्रह करने की प्रवृत्ति नहीं आती । मन में उदारता का भाव रहने से विचारों में शुद्धता आती है । मोह तथा लालच नहीं रहता । दान करने से हम न सिर्फ दूसरों का भला करते हैं बल्कि अपने व्यक्तित्व को भी निखारते हैं । जब हम दान बिना किसी ...

पूजा में पीले कपड़े ही क्यों पहने जाते हैं : POOJA MEIN PEELE KAPDE HI KYUN PEHNE JAATE HAIN

पूजा में पीले कपड़े ही क्यों पहने जाते हैं - रेणु जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान की पूजा और अर्चना के समय पीले रंग के कपड़े पहनने को शुभ माना गया है । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पीले रंग को गुरू का रंग कहा गया है । प्राचीन समय से ही पीले रंग को ऊर्जावान रंगों की श्रेणी में रखा गया है । हाल में अमेरिका में हुए शोध में यह बात सामने आई कि पीला रंग इंसान की उमंग को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को अधिक सक्रिय करता है । यह अध्ययन अमेरिका में 500 से अधिक लोगों पर तीन साल तक किया गया जिसमें पता चला कि जो लोग पीले रंग के कपड़ों को ज्यादा प्राथमिकता देते थे उनकी कार्यक्षमता और आत्मविश्वास दूसरे लोगों की तुलना में काफी अधिक था । अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि इन लोगों ने अपने कार्य के साथ-साथ अपने को स्वस्थ रखने का ध्यान भी अधिक रखा । शोधकर्ताओं का मानना है कि पीले रंग के कपड़े पहनने से दिमाग का सोचने-समझने वाला हिस्सा अधिक सक्रिय हो जाता है जो मनुष्य के अंदर ऊर्जा पैदा करता है। यह रंग इंसान की खुशी और उमंग पैदा करता है। शायद कुछ लोग ही यह बात जानते हैं कि भारत में गुरूवार को पीले वस्त्र पहनकर पूजा की जा...